चैत्र नवरात्र में नौ दिन के दौरान बहुत ही विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-उपासना का शास्त्रों में विधान है।तो आइए जानते हैं प्रथम देवी शैलपुत्री के स्वरूप के बारे में। देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं 'शैलपुत्री' जिनको मां का पहला स्वरूप कहा गया है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में पैदा होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा। नवरात्र-पूजन के पहले दिन मां के शैलपुत्री रूप की पूजा और उपासना की जाती है। मां के इस रूप में दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है।