आइए ले चलते हैं आपको जायसी की कलम से निकले सिंहल द्वीप और बताते हैं कि कैसे राजस्थान से यहां तक आ पहुंचे चित्तौड़ के राजा रतन सिंह और कैसे उनको मिली रूपवती पद्मावती। अलाउद्दीन खिलजी को बच्चाबाजी का शौक था और इसी शौक के चलते उसकी जान गई ये हम आपको इस सीरीज की सबसे पहली कड़ी में बता चुके हैं। फिर हमने आपको ये भी दिखाया है कि आखिर पद्मावती की पूरी कुंडली क्या है। अब देखिए इस सीरीज की तीसरी कड़ी के तौर पर हमारी ये खास रिपोर्ट यानी राग राजा रतन सिंह का।