मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। किसी को भी मोबाइल का साथ छोड़ना गंवारा नहीं या ये कहें हमें सबसे ज्यादा जरूरत अब मोबाइल की ही है। लेकिन जितना ये हमारे लिए जरूरी है उतना ही नुकसानदायक है। घंटों आप से चिपककर रहने वाला आपका मोबाइल हैंडसेट आपके लिए कहीं ‘साइलेंट किलर’ तो साबित नहीं हो रहा।