माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फलदायी हैं। कालरात्रि का वाहन गर्दभ है। मां अपने दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। जगदंबे की आराधना के लिए श्लोक सरल और स्पष्ट है जिसका नवरात्रि के सातवें दिन जरूर जाप करें, या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: