क्या आपने कभी फारसी भाषा में लिखी वाल्मीकि रामायण के बारे में सुना है। नहीं सुना है तो हम आपको बता दें कि 1715 में संस्कृत में लिखी ‘वाल्मीकि रामायण’ में अनुवाद हुआ है। अब ये फारसी में लिखी वाल्मीकि रामायण वाराणसी के बुक फेयर में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जिसकी शुरुआत ही `बिसिमिल्लाह ए रहमान रहीम`से हुई से हुई है। जो अपने आप में गंगा जमुनी संस्कृति के संगम को दर्शाया रहा है।