अमर उजाला
Mon, 20 December 2021
रैनबसेरों में कहीं पर थीं सारी सुविधाएं तो कहीं पर बैठने की भी व्यवस्था नहीं
लोगों की ग्रहस्थी रैनबसेरों के आसपास ही सिमटकर रह गई है, एक बच्चा आग के पास बैठा हुआ
रैनबसेरों पर व्यवस्था सुधारने के लिए इनका लगातार निरीक्षण करने की जरूरत है
मोतिया खान के पास बने रैनबसेरे में टूटी छत की ओर इशारा करता युवक
....सर्द रातों में फुल हुए दिल्ली के रैन बसेरे, कंबल के साथ मिल रहा है दो वक्त का खाना