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India and Sweden express concern over decline in global food security due to Ukraine war
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Ukraine War : यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक खाद्य सुरक्षा में गिरावट, भारत और स्वीडन ने व्यक्त की चिंता
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 07 Dec 2022 11:02 PM IST
सार
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स्वीडन और भारत विशेष रूप से वैश्विक खाद्य सुरक्षा के बिगड़ने से चिंतित हैं जो यूक्रेन में युद्ध से और भी गंभीर हो गया है।
यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध से वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़ा है। यूरोप से लेकर एशिया तक महंगाई के लिए युद्ध को ही कारण माना है। वहीं अब वैश्विक खाद्य सुरक्षा में गिरावट को लेकर भारत और स्वीडन ने चिंता व्यक्त की है। भारत और स्वीडन ने ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव के विस्तार का स्वागत किया है जो युद्धग्रस्त देश से अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरकों के निर्यात के सुरक्षित मार्ग सुविधा प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने विशेष आर्थिक सहायता सहित संयुक्त राष्ट्र की मानवीय और आपदा राहत सहायता के समन्वय को मजबूत करने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और स्वीडन की ओर से एक संयुक्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि स्वीडन और भारत विशेष रूप से वैश्विक खाद्य सुरक्षा के बिगड़ने से चिंतित हैं जो यूक्रेन में युद्ध से और भी गंभीर हो गया है।
उन्होंने कहा कि भारत और स्वीडन ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और 17 नवंबर को घोषित 120 दिनों तक इसके विस्तार का स्वागत करते हैं, जिसका अर्थ है कि यूक्रेनी अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरक का निर्यात काला सागर बंदरगाहों से जारी रह सकता है।
यूक्रेन-युद्ध के बीच चल रहे संघर्ष के बीच यूक्रेन से खाद्य निर्यात की अनुमति देने वाली संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाली डील 19 नवंबर को समाप्त होने वाली थी, लेकिन इसे बढ़ा दिया गया था। 22 जुलाई को हस्ताक्षर किए जाने के बाद से तुर्की, यूक्रेन, रूस और संयुक्त राष्ट्र से जुड़े समझौते के हिस्से के रूप में 11.1 मिलियन टन से अधिक आवश्यक खाद्य पदार्थों को भेज दिया गया है।
रवींद्र ने मंगलवार को कहा कि कम आय वाले देशों को मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों की कमी के खिलाफ लड़ने में मदद करने के लिए भारत ने अफगानिस्तान, म्यांमार, सूडान और यमन सहित जरूरतमंद देशों को 18 लाख टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है।
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