इस्राइल में फलस्तीनी कट्टरपंथियों के रॉकेट हमले का शिकार बनी केरल की सौम्या संतोष के नौ साल के बेटे अडोन को अब भी मां से मिलने की उम्मीद बंधी हुई है। शोक में डूबे पति संतोष समझ नहीं पा रहे कि वह बेटे को कैसे समझाएं?
केरल के इडुक्की जिले की सौम्या इस्राइल के अशकेलॉन शहर में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी। मंगलवार को जब यह हमला हुआ, तब वह पति संतोष से ही वीडियो कॉल पर बात कर रही थी। संतोष का कहना है कि सौम्या मुझे आसपास जंग जैसे हालात के बारे में ही बता रही थी। इसी दौरान अचानक तेज आवाज आई। उसका फोन गिर गया, लेकिन वह चल रहा था। मैंने जोर से हेलो-हेलो कहा, लेकिन सौम्या की कोई आवाज नहीं आई। तकरीबन डेढ़ मिनट बाद कुछ लोगों की आवाज सुनाई देने लगी, पर फोन तब भी चालू था। मैंने तत्काल अशकेलॉन में उसके दोस्तों से संपर्क साधा, तब इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे का पता चला।
आंसू पोंछते हुए संतोष ने कहा, सौम्या को शायद ही पता होगा कि यह उसका आखिरी कॉल होगा। वह सात साल बाद केरल आने की सोच रही थी। पत्नी के जाने के बाद बेटे को संभालना मुश्किल है। वह अब भी मां के फोन का इंतजार कर रहा है।
इस बीच, विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने इस्राइल में भारतीय दूतावास से सौम्या का शव भारत लाने को लेकर बात की। उन्होंने संतोष को भी फोन कर अपनी संवेदना जाहिर की।
उधर, इस्राइल ने कहा है कि वह इस मुश्किल घड़ी में सौम्या के परिवार के साथ है। भारत में इस्राइली राजदूत रॉन माल्का ने सौम्या संतोष के बेटे की तुलना 2008 मुंबई हमलों में बचे मोसेज से की है। उन्होंने कहा, मेरा दिल सौम्या के बेटे अडोन के लिए दुखी है, जिसने इतनी कम उम्र में अपनी मां को खो दिया। यह बुरा हमला मुझे छोटे मोसेज की याद दिलाता है, जिसके माता-पिता की 2008 के मुंबई हमलों में मौत हो गई थी।
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इस्राइल में फलस्तीनी कट्टरपंथियों के रॉकेट हमले का शिकार बनी केरल की सौम्या संतोष के नौ साल के बेटे अडोन को अब भी मां से मिलने की उम्मीद बंधी हुई है। शोक में डूबे पति संतोष समझ नहीं पा रहे कि वह बेटे को कैसे समझाएं?
केरल के इडुक्की जिले की सौम्या इस्राइल के अशकेलॉन शहर में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी। मंगलवार को जब यह हमला हुआ, तब वह पति संतोष से ही वीडियो कॉल पर बात कर रही थी। संतोष का कहना है कि सौम्या मुझे आसपास जंग जैसे हालात के बारे में ही बता रही थी। इसी दौरान अचानक तेज आवाज आई। उसका फोन गिर गया, लेकिन वह चल रहा था। मैंने जोर से हेलो-हेलो कहा, लेकिन सौम्या की कोई आवाज नहीं आई। तकरीबन डेढ़ मिनट बाद कुछ लोगों की आवाज सुनाई देने लगी, पर फोन तब भी चालू था। मैंने तत्काल अशकेलॉन में उसके दोस्तों से संपर्क साधा, तब इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे का पता चला।
आंसू पोंछते हुए संतोष ने कहा, सौम्या को शायद ही पता होगा कि यह उसका आखिरी कॉल होगा। वह सात साल बाद केरल आने की सोच रही थी। पत्नी के जाने के बाद बेटे को संभालना मुश्किल है। वह अब भी मां के फोन का इंतजार कर रहा है।
इस बीच, विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने इस्राइल में भारतीय दूतावास से सौम्या का शव भारत लाने को लेकर बात की। उन्होंने संतोष को भी फोन कर अपनी संवेदना जाहिर की।
उधर, इस्राइल ने कहा है कि वह इस मुश्किल घड़ी में सौम्या के परिवार के साथ है। भारत में इस्राइली राजदूत रॉन माल्का ने सौम्या संतोष के बेटे की तुलना 2008 मुंबई हमलों में बचे मोसेज से की है। उन्होंने कहा, मेरा दिल सौम्या के बेटे अडोन के लिए दुखी है, जिसने इतनी कम उम्र में अपनी मां को खो दिया। यह बुरा हमला मुझे छोटे मोसेज की याद दिलाता है, जिसके माता-पिता की 2008 के मुंबई हमलों में मौत हो गई थी।