ऑस्ट्रेलिया की सियासत में बड़ा उलटफेर हो गया। स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी चुनाव हार गई है। मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने जीत हासिल कर ली है। अब लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री होंगे। स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी लगभग एक दशक बाद विपक्ष में बैठने जा रही है।
एंथनी अल्बनीस पिछले 26 साल से फेडरल पार्लियामेंट में हैं। सिडनी में जन्मे अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री बनेंगे। एक सिंगल मदर से बेटे अल्बनीस 1996 में पहली बार सांसद बने थे। जब जॉन हॉवर्ड देश के प्रधानमंत्री बने थे। अर्थशास्त्र के छात्र रहे 59 साल के अल्बनीस केविन रुड और जूलिया गिलार्ड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2013 में अल्बनीस उप-प्रधानमंत्री भी थे। अल्बनीस 2019 से ऑस्ट्रेलिया के नेता प्रतिपक्ष हैं।
आइए जानते हैं 59 साल के एंथनी के बारे में सबकुछ...
एंथनी अल्बनीस का जन्म दो मार्च 1963 को सिडनी में हुआ था। एंथनी के पिता कार्लो अल्बनीस और मां मैरीने एलेरी हैं। कार्लो इटली के रहने वाले थे, जबकि मैरीने ऑस्ट्रेलिया की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कार्लो और मैरीने की मुलाकात 1962 में हुई थी, लेकिन एंथनी के जन्म के बाद दोनों अलग हो गए। बाद में एंथनी अल्बनीस का पालन पोषण उनकी मां ने ही किया।
एक इंटरव्यू में अल्बनीस ने बताया था कि उनके पिता का निधन 2009 में एक कार एक्सीडेंट में हो गया था। वह अपने पिता से कभी नहीं मिल पाए थे। अल्बनीस के नाना जॉर्ज एलेरी एक बिजनेसमैन थे। अल्बनीस का बचपन अपने नाना-नानी के यहां ही मां के साथ गुजरा। 1970 में अल्बनीस के नाना की मौत हो गई। इसके बाद उनकी मां ने दूसरी शादी जेम्स विलियमसन से की, लेकिन ये शादी भी ज्यादा दिन तक नहीं चली। 10 हफ्ते में ही जेम्स और मैरीने एलेरी का तलाक हो गया था। जेम्स शराब का लती था और मैरीने के साथ मारपीट करता था।
दूसरी शादी भी टूटने के बाद घर में आर्थिक दिक्कतें बढ़ गईं। तब मैरीने एलेरी ने सफाई कर्मचारी के रूप में काम किया। लेकिन वह भी ज्यादा दिन तक ये काम नहीं कर पाईं। उसी दौरान उन्हें गठिया की बीमारी हो गई। वह चल नहीं पाती थीं। तब सरकार से मां को मिलने वाली विकलांग पेंशन और नानी की बुजुर्ग पेंशन से मैरीने एलेरी ने घर चलाया। अल्बनीस ने शुरुआती पढ़ाई सेंट जोसेफ प्राइमरी स्कूल और सेंट मैरी कैथड्रील कॉलेज से की। इसके बाद यूनवर्सिटी ऑफ सिडनी से इकनॉमिक्स की पढ़ाई करने से पहले दो साल तक उन्होंने कॉमनवेल्थ बैंक में नौकरी की।
अल्बनीस ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत कर दी थी। यूनिवर्सिटी में वह स्टूडेंट रिप्रजेंटेटिव काउंसिल के लिए चुने गए थे। यहीं से उनका झुकाव लेफ्ट विचारधारा वाली लेबर पार्टी की तरफ हो गया। अल्बनीस लेबर पार्टी के युवा विंग का नेतृत्व करने लगे। इकनॉमिक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद अल्बनीस ने मिनिस्ट्री फॉर लोकल गर्वनमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज में रिसर्च ऑफिसर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया।
राजनीति में कैसा रहा कॅरियर?
- 1996 में पहली बार ग्रेंडलर सीट से अल्बनीस सांसद चुने गए।
- 1998 में अल्बनीस को पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी बनाया गया। तब उनके पास मंत्रियों की मदद करने की जिम्मेदारी थी। ये भी एक तरह से मंत्री का ही पद था।
- 2001 में अल्बनीस को अपोजिशन शेडो कैबिनेट बनाया गया।
- 2002 में उन्हें पहले रोजगार मंत्री, 2004 में शेडो मिनिस्टर फॉर एनवायरमेंट एंड हेरीटेज बनाया गया।
- 2007 में लेबर पार्टी की जीत के बाद अल्बनीस को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
- 2013 में अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री चुने गए। हालांकि, 18 सितंबर 2013 तक ही वह इस पद पर रहे। उनकी लेबर पार्टी हार गई थी।
- 2019 में अल्बनीस लेबर पार्टी के मुख्य नेता बने और संसद में विपक्ष के नेता।
19 साल के बाद टूट गई पहली शादी
ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए अल्बनीस ने वर्ष 2000 में कार्मेल टेबबट से शादी की। तब कार्मेल न्यू साउथ वेल्स की फ्यूचर डिप्टी प्रमियर हुआ करती थीं। 2019 में दोनों अलग हो गए। दोनों का एक बेटा भी है। 2020 में ओडी हेडन के साथ अल्बनीस के रिश्तों की चर्चा होने लगी। अल्बनीस ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पहली पत्नी से अलग होने के कुछ हफ्तों बाद ओडी से एक डिनर पार्टी में मुलाकात हुई थी।
दो दिन पहले ही एक इंटरव्यू में अल्बनीस ने दावा किया था कि वह चुनाव जीत जाएंगे। अल्बनीस ने कहा था,'चुनाव जीतने के बाद रविवार या सोमवार को वह शपथ ग्रहण करेंगे और फिर क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के टोक्यो के लिए रवाना हो जाएंगे।'
अल्बनीस ने इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी अपनी बात कही थी। उन्होंने कहा था, 'वह क्वाड में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया का एक महत्वपूर्ण दोस्त है।'
विस्तार
ऑस्ट्रेलिया की सियासत में बड़ा उलटफेर हो गया। स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी चुनाव हार गई है। मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने जीत हासिल कर ली है। अब लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री होंगे। स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी लगभग एक दशक बाद विपक्ष में बैठने जा रही है।
एंथनी अल्बनीस पिछले 26 साल से फेडरल पार्लियामेंट में हैं। सिडनी में जन्मे अल्बनीस ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री बनेंगे। एक सिंगल मदर से बेटे अल्बनीस 1996 में पहली बार सांसद बने थे। जब जॉन हॉवर्ड देश के प्रधानमंत्री बने थे। अर्थशास्त्र के छात्र रहे 59 साल के अल्बनीस केविन रुड और जूलिया गिलार्ड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2013 में अल्बनीस उप-प्रधानमंत्री भी थे। अल्बनीस 2019 से ऑस्ट्रेलिया के नेता प्रतिपक्ष हैं।
आइए जानते हैं 59 साल के एंथनी के बारे में सबकुछ...