आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान अपने लोगों को बिजली देने में भी नाकाम साबित हो रहा है। इसका सबूत तब मिला, जब शनिवार रात 11:41 बजे से लगभग दो घंटे तक देश की 21 करोड़ आबादी को अंधेरे में वक्त गुजारना पड़ा। इसके चलते इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, पेशावर और रावलपिंडी समेत सभी अहम शहर पूरी तरह अंधेरे में डूब गए। पूरे देश में अचानक हुए इस ब्लैकआउट ने सोशल मीडिया पर तमाम अफवाहों का दौर चालू कर दिया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट से रविवार को यह जानकारी मिली।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट अधिकारियों के हवाले से रविवार को बताया कि कई शहर रविवार सुबह तक पूरी तरह से अंधेरे में डूब रहे। इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर हमजा शफकत ने कहा कि नेशनल ट्रांसमिशन एंड डिस्पैच कंपनी सिस्टम की ट्रिपिंग के कारण ब्लैकआउट हुआ। वहीं, ऊर्जा मंत्री उमर अयूब ने लोगों से धैर्य बनाए रखने के की अपील की है। पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने ट्विटर के जरिए जानकारी दी कि पावर ट्रांसमिशन सिस्टम की फ्रीक्वेंसी में अचानक 50 से 0 की गिरावट आने से देशभर में ब्लैकआउट हो गया।
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने एक तस्वीर ट्वीट कर यह बताया कि ऊर्जा मंत्री उमर अयूब खुद बिजली बहाली के काम की देखरेख कर रहे हैं। देश के कुछ हिस्सों में बिजली बहाल कर दी गई। पीएम के सहायक शाहबाज गिल ने बताया कि ऊर्जा मंत्री उमर अयूब और उनकी पूरी टीम इस ब्रेकडाउन पर काम कर रही है। साथ उन्होंने कहा कि नागरिकों को जल्द ही स्थिति से अपडेट किया जाएगा।
इस दौरान सूचना मंत्री शिबली फराज ने इसे एनटीडीसी के सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए लिखा कि बिजली की बहाली की जा रही है। इससे पहले जनवरी, 2015 में भी एक बार पूरा पाकिस्तान तकनीकी खामी के चलते कई घंटों तक बिना बिजली के रहा था।
कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, मुल्तान, कसूर और अन्य शहरों के निवासियों ने ब्लैकआउट के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा। भारत में भी हेशटैग ब्लैकआउट (#blackout) पहले नंबर पर ट्रेंड कर रहा था।
वेनेजुएला में 2019 में सबसे लंबा एक हफ्ते का ब्लैकआउट हुआ था
यह पहली बार नहीं है, जब किसी देश में बिजली गुल हुई। युद्ध के दौरान दुश्मन को चकमा देने के लिए अक्सर पूरे देश की बिजली बंद की जाती है। ताकि दुश्मन उन लक्ष्यों तक न पहुंच सके, जहां उसे हमला करना है। भारत, कनाडा और अमेरिका समेत कई देशों के शहरों में यह हो चुका है। 2019 में वेनेजुएला में सबसे लंबा एक हफ्ते का ब्लैकआउट हुआ था।
विस्तार
आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान अपने लोगों को बिजली देने में भी नाकाम साबित हो रहा है। इसका सबूत तब मिला, जब शनिवार रात 11:41 बजे से लगभग दो घंटे तक देश की 21 करोड़ आबादी को अंधेरे में वक्त गुजारना पड़ा। इसके चलते इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, पेशावर और रावलपिंडी समेत सभी अहम शहर पूरी तरह अंधेरे में डूब गए। पूरे देश में अचानक हुए इस ब्लैकआउट ने सोशल मीडिया पर तमाम अफवाहों का दौर चालू कर दिया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट से रविवार को यह जानकारी मिली।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट अधिकारियों के हवाले से रविवार को बताया कि कई शहर रविवार सुबह तक पूरी तरह से अंधेरे में डूब रहे। इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर हमजा शफकत ने कहा कि नेशनल ट्रांसमिशन एंड डिस्पैच कंपनी सिस्टम की ट्रिपिंग के कारण ब्लैकआउट हुआ। वहीं, ऊर्जा मंत्री उमर अयूब ने लोगों से धैर्य बनाए रखने के की अपील की है। पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने ट्विटर के जरिए जानकारी दी कि पावर ट्रांसमिशन सिस्टम की फ्रीक्वेंसी में अचानक 50 से 0 की गिरावट आने से देशभर में ब्लैकआउट हो गया।
पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने एक तस्वीर ट्वीट कर यह बताया कि ऊर्जा मंत्री उमर अयूब खुद बिजली बहाली के काम की देखरेख कर रहे हैं। देश के कुछ हिस्सों में बिजली बहाल कर दी गई। पीएम के सहायक शाहबाज गिल ने बताया कि ऊर्जा मंत्री उमर अयूब और उनकी पूरी टीम इस ब्रेकडाउन पर काम कर रही है। साथ उन्होंने कहा कि नागरिकों को जल्द ही स्थिति से अपडेट किया जाएगा।
इस दौरान सूचना मंत्री शिबली फराज ने इसे एनटीडीसी के सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए लिखा कि बिजली की बहाली की जा रही है। इससे पहले जनवरी, 2015 में भी एक बार पूरा पाकिस्तान तकनीकी खामी के चलते कई घंटों तक बिना बिजली के रहा था।
कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, मुल्तान, कसूर और अन्य शहरों के निवासियों ने ब्लैकआउट के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा। भारत में भी हेशटैग ब्लैकआउट (#blackout) पहले नंबर पर ट्रेंड कर रहा था।
वेनेजुएला में 2019 में सबसे लंबा एक हफ्ते का ब्लैकआउट हुआ था
यह पहली बार नहीं है, जब किसी देश में बिजली गुल हुई। युद्ध के दौरान दुश्मन को चकमा देने के लिए अक्सर पूरे देश की बिजली बंद की जाती है। ताकि दुश्मन उन लक्ष्यों तक न पहुंच सके, जहां उसे हमला करना है। भारत, कनाडा और अमेरिका समेत कई देशों के शहरों में यह हो चुका है। 2019 में वेनेजुएला में सबसे लंबा एक हफ्ते का ब्लैकआउट हुआ था।