क्वाड देशों ने चीन को सख्त संदेश दिया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति बदलने के किसी भी भड़काऊ व एकतरफा प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज और जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने दो-टूक कहा, क्षेत्र के विवादों का बिना किसी बलप्रयोग के शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए। ताजा जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद बुधवार तड़के (भारतीय समयानुसार) स्वदेश लौट आए हैं।
क्वाड की व्यक्तिगत उपस्थिति वाले दूसरे सम्मेलन में मंगलवार को चारों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास और परस्पर हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन के बाद जारी साझा बयान में कहा गया, हम क्षेत्र में यथास्थिति बदलने और तनाव बढ़ाने की कोशिश वाली किसी भी उकसावेपूर्ण कार्रवाई का पुरजोर विरोध करते हैं।
इनमें विवादित सुविधाओं का सैन्यीकरण, तटरक्षकों के लिए खतरनाक किले व अन्य सैन्य जहाजों का उपयोग करना व दूसरे देशों की अपतटीय संसाधन गतिविधियों में बाधा डालना आदि शामिल हैं। साझा बयान में चारों नेताओं ने कहा, क्वाड सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का ही पालन करेगा। विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र में पारित समुद्र के कानून (यूएनसीएलओएस) का पालन किया जाएगा।
वहां आवाजाही की आजादी को बरकरार रखते हुए कारोबार के लिए वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य समुद्री नियम व्यवस्था का पालन होगा। इसमें पूर्व और दक्षिण चीन सागर भी शामिल है। बयान के मुताबिक, क्वाड, आजादी, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का पुरजोर समर्थन करता है।
सम्मेलन की खास बातें
- हिंद-प्रशांत में अवसंरचना विकास पर 50 अरब डॉलर खर्च पर सहमति
- भारतीय कोरोना वैक्सीन की तारीफ, ऑस्ट्रेलिया व जापान ने कहा, इससे महामारी से लड़ने में मदद मिली
- पीएम मोदी ने यूक्रेन पर भारत की सैद्धांतिक स्थिति दोहराई
- अगला क्वाड सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में
- क्वाड फेलोशिप की शुरुआत
कम समय में महत्वपूर्ण बना क्वाड : मोदी
क्वाड ने बहुत कम समय में विश्व पटल पर महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। हमारे आपसी सहयोग से एक मुक्त, खुले और समग्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है, जो हम सभी का साझा उद्देश्य है। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पाकिस्तान को भी घेरा : किसी भी रूप में मान्य नहीं होगा आतंकवाद
क्वाड नेताओं ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना दुनिया में किसी भी रूप में आतंकवाद की निंदा की। 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की निंदा की गई। नेताओं ने दोहराया कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्यों का औचित्य नहीं हो सकता। किसी भी रूप में आतंकवाद को बढ़ावा देने, सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद, आतंकियों को मदद या सैन्य सहयोग पहुंचाने वालों की निंदा की गई।
चीन के दखल को चुनौती : समुद्री गतिविधियों की होगी निगरानी
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री गतिविधियों की निगरानी के लिए इंडो पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (आईपीएमडीए) की घोषणा की। इसके तहत सदस्य देशों को अपने तटों की निगरानी करने व वहां शांति कायम करने में मदद मिलेगी। इसका उद्देश्य क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को रोकना है।
भारत के साथ सबसे करीबी दोस्ती कायम करने को प्रतिबद्ध : बाइडन
क्वाड सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंध विश्वास की साझेदारी है। वहीं बाइडन ने कहा, अमेरिका भारत के साथ दुनिया की सबसे करीबी दोस्ती कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज से भी मिले। मुलाकात के बाद अल्बनीज ने ट्वीट किया, हमने ऑस्ट्रेलिया और भारत के पूर्ण सामरिक और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा की।
भारत और अमेरिका के बीच सामरिक रिश्ते विश्वास की साझेदारी : मोदी
क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंध विश्वास की साझेदारी है। वहीं जो बाइडन ने कहा, वह भारत के साथ दुनिया की सबसे करीबी दोस्ती कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों नेताओं ने भारत अमेरिका के बीच रक्षा एवं आर्थिक साझेदारी को और मजबूती देने व दुनिया में अधिक समृद्धि, खुलापन व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका की मित्रता वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिये अच्छाई की ताकत के रूप में जारी रहेगी। दोनों देश कई क्षेत्रों में साझा मूल्य व समान हित रखते हैं। मोदी ने ट्वीट कर बाइडन के साथ अपनी द्विपक्षीय बातचीत को सार्थक बताया। मोदी ने कहा, मुझे यकीन है कि हमारे बीच भारत-अमरीका निवेश प्रोत्साहन समझौते से निवेश की दिशा में ठोस प्रगति होगी। हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर आपसी समन्वय को भी मजबूत कर रहे हैं। हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी दोनों देश समान दृष्टिकोण रखते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी हुई चर्चा
दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके प्रभावों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बाइडन ने कहा, भारत-अमेरिका इन नकारात्मक प्रभावों को कमतर करने के लिए निरंतर आपस में सलाह करते रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि दोनों देशों ने इंडिया यूएस इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज की शुरुआत की है। इसके अलावा दोनों देशों ने वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम (वीएपी) को भी 2027 तक विस्तार दिया है।
अमेरिकी कंपनियों को रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया में शामिल होने का न्योता
पीएम मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारत के साथ साझेदारी कर रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल में शामिल होने का न्योता दिया। अमेरिका ने भी भारत के छह टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के साथ मिलकर 2022 में कम से कम 25 संयुक्त शोध परियोजनाओं को सहयोग करने की योजना बनाई है। बाइडन ने भारत के कोरोना टीकाकरण की सराहना करते हुए कहा, मुझे खुशी है कि भारत अमेरिका वेक्सीन एक्शन कार्यक्रम नए स्वरूप में फिर शुरू हो रहा है।
मोदी ने क्वाड नेताओं को भारतीय कला के नायाब नमूने भेंट किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को टोक्यो से भारत रवाना होने से पहले क्वाड नेताओं को भारतीय कला के नायाब नमूने भेंट किए। इनमें गोंड कला की पेंटिंग, सांझी कला के प्रतीक से लेकर हाथ की नक्काशी वाले लकड़ी के बक्से शामिल थे। मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता की मथुरा के ठकुरानी घाटी थीम पर तैयार सांझी कलाकृति भेंट की। सांझी कला कागज पर हाथ से काटी गई कतरनों से तैयार की जाने वाली डिजाइन है।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को मध्य प्रदेश की गोंड कला की एक पेंटिंग भेंट की। जापान के पीएम फूमियो किशिदा को हाथ की नक्काशी वाला लकड़ी का खास बक्सा भेंट किया। इस पर रोगन पेंटिंग थी। इसके अलावा मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्रियों योशिहिदी सुगा, योशिरो मोरि और शिंजो आबे को पट्टूमदाई रेशम की चटाई भी भेंट की।
क्वाड फेलोशिप की शुरुआत
चारों सदस्य देशों के नेताओं ने क्वाड फेलोशिप का शुभारंभ किया। इसे चारों सदस्य देशों के वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों की अगली पीढ़ी के बीच संबंध बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
ऊर्जा बदलाव में जारी रहेगा सहयोग
व्हाइट हाउस ने कहा, दोनों नेता भारत के उचित ऊर्जा बदलाव की दिशा में उठाये गए कदमों को गति देने में सहयोग जारी रखेंगे। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल, उद्योगों को कार्बन मुक्त बनाने, वाहनों से शून्य उत्सर्जन व निवेश के लिए गठजोड़ मजबूत करना आदि शामिल है।
भारत सहित हिंद प्रशांत के 13 देशों ने स्वतंत्र व निष्पक्ष व्यापार की प्रतिबद्धता जताई
भारत, अमेरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 13 देशों ने मंगलवार को निवेश प्रोत्साहन और टिकाऊ आर्थिक वृद्धि हासिल करने के नजरिये से मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार की प्रतिबद्धता जताई। हिंद-प्रशांत देशों की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक सभी देश इस पर भी सहमत हुए हैं कि साझा हितों पर सलाह-मशविरे पर आधारित सहयोग के नये क्षेत्रों की भी पहचान की जाएगी।
- ‘समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा’ (आईपीईएफ) की सोमवार को घोषणा की गई थी। इस समूह में भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुशलेम, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलयेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं। भागीदार देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, सभी देश अपनी चमकदार क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की विविधता एवं समृद्धि को स्वीकार करते हैं।
- इसमें कहा गया, ‘हम एक स्वतंत्र, मुक्त, निष्पक्ष, समावेशी, अंतर्सबद्ध, जुझारू, सुरक्षित एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा रूप से प्रतिबद्ध हैं। इस क्षेत्र में टिकाऊ एवं समावेशी आर्थिक वृद्धि को हासिल करने की क्षमता है।’
आर्थिक संपर्क की मजबूती पर जोर
सदस्य देशों ने कहा कि इस क्षेत्र में वृद्धि, शांति एवं समृद्धि के लिए आर्थिक संपर्क को मजबूत बनाना महत्वपूर्ण है।
बयान में असरदार एवं मजबूत कर और धनशोधन व्यवस्थाएं बनाने और उन्हें लागू करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
पीएम मोदी व अल्बनीज ने द्विपक्षीय संबंधों को और गति देने पर जताई सहमति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ मंगलवार को कई अहम मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों में और अधिक गति देने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी।
अल्बनीज के साथ पहली मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी मजबूत है। न केवल हमारे देशवासियों को बल्कि पुरी दुनिया को इसका लाभ मिलता है। अल्बनीज से मुलाकात बेहद खुशनुमा रही और हमने द्विपक्षीय समझौतों में प्रगति का जायजा लिया साथ ही इसमें और गति लाने के तरीकों पर चर्चा की।
सुरक्षा व रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भारत-जापान सहमत
भारत और जापान द्विपक्षीय सुरक्षा व रक्षा सहयोग बढ़ाने पर मंगलवार को सहमत हुए। क्वाड सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम फूमियो किशिदा से विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।
चीन ने आईपीईएफ को बताया आर्थिक नाटो
अमेरिका के 12 हिंद प्रशांत राष्ट्रों के साथ शुरू किए गए नए कारोबार समझौते आईपीईएफ से चीन भड़क गया है। चीन ने इसे आर्थिक नाटो करार देते हुए कहा, यह हिंद प्रशांत क्षेत्र में उसके वर्चस्व को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है।
क्वाड में सोमवार को जिस वक्त आईपीईएफ की घोषणा की गई चीन के विदेश मंत्री ने वांग ने उसी वक्त एशिया एवं प्रशांत के आर्थिक व सामाजिक आयोग (एस्कैप) को संबोधित करते हुए कहा, एशिया प्रशांत क्षेत्र वह जगह है जहां चीन बसता है और फलता फूलता है।
भारी निर्यात शुल्क के लिए अल्बनीज ने चीन को फटकारा
ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने दो साल पहले ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर भारी शुल्क लगाने के लिए चीन को फटकारा। अल्बनीज ने कहा, शनिवार को चुनाव जीतने के बाद चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांक ने बधाई दी है, लेकिन इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के नेता को जवाब देना है। अल्बनीज ने कहा, ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद सही समय पर इसका उपयुक्त जवाब दिया जाएगा। कोयले से लेकर लोबस्टर तक व्यापक उत्पादों पर चीन के निर्यात कर को लेकर वह गंभीर हैं। एजेंसी
क्वाड देशों ने चीन को सख्त संदेश दिया है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति बदलने के किसी भी भड़काऊ व एकतरफा प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज और जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने दो-टूक कहा, क्षेत्र के विवादों का बिना किसी बलप्रयोग के शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए। ताजा जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद बुधवार तड़के (भारतीय समयानुसार) स्वदेश लौट आए हैं।
क्वाड की व्यक्तिगत उपस्थिति वाले दूसरे सम्मेलन में मंगलवार को चारों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास और परस्पर हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन के बाद जारी साझा बयान में कहा गया, हम क्षेत्र में यथास्थिति बदलने और तनाव बढ़ाने की कोशिश वाली किसी भी उकसावेपूर्ण कार्रवाई का पुरजोर विरोध करते हैं।
इनमें विवादित सुविधाओं का सैन्यीकरण, तटरक्षकों के लिए खतरनाक किले व अन्य सैन्य जहाजों का उपयोग करना व दूसरे देशों की अपतटीय संसाधन गतिविधियों में बाधा डालना आदि शामिल हैं। साझा बयान में चारों नेताओं ने कहा, क्वाड सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का ही पालन करेगा। विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र में पारित समुद्र के कानून (यूएनसीएलओएस) का पालन किया जाएगा।
वहां आवाजाही की आजादी को बरकरार रखते हुए कारोबार के लिए वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य समुद्री नियम व्यवस्था का पालन होगा। इसमें पूर्व और दक्षिण चीन सागर भी शामिल है। बयान के मुताबिक, क्वाड, आजादी, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का पुरजोर समर्थन करता है।
सम्मेलन की खास बातें
- हिंद-प्रशांत में अवसंरचना विकास पर 50 अरब डॉलर खर्च पर सहमति
- भारतीय कोरोना वैक्सीन की तारीफ, ऑस्ट्रेलिया व जापान ने कहा, इससे महामारी से लड़ने में मदद मिली
- पीएम मोदी ने यूक्रेन पर भारत की सैद्धांतिक स्थिति दोहराई
- अगला क्वाड सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में
- क्वाड फेलोशिप की शुरुआत
कम समय में महत्वपूर्ण बना क्वाड : मोदी
क्वाड ने बहुत कम समय में विश्व पटल पर महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। हमारे आपसी सहयोग से एक मुक्त, खुले और समग्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है, जो हम सभी का साझा उद्देश्य है। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री