कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम भारतीय और चीनी नागरिक, ऐसा लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के एसबीएस रेडियो की एक जांच में जो आंकड़े सामने आए हैं उससे अंदाजा लगता है कि जन्म से पूर्व बच्चे का लिंग परीक्षण करवा रहे हैं और फिर गर्भपात भी।
इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक 2003 से 2013 के बीच ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले चीनी और भारतीय परिवार में औसतन करीब 1,395 लड़कियां कम पैदा हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया की सांख्यिकी आंकड़े जारी करने वाली एजेंसी ने जो आंकड़े पेश किए हैं उससे यह साफ जाहिर होता है कि इस अवधि में लड़कियों की तुलना में ज्यादा लड़के पैदा हुए हैं। सीबीएस रेडियो के लिए ये आंकड़े भारतीय मूल की पत्रकार पल्लवी जैन ने जुटाए हैं।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि चीनी परिवारों में 100 लड़कियों की तुलना में 109.5 और भारतीय परिवारों में 108.2 लड़कों ने जन्म लिया है जो निर्धारित आंकड़े 102 से 106 पुरुष प्रति 100 महिला से कहीं ज्यादा है। ऑस्ट्रेलियाई परिवारों में औसतन 105.7 पुरुषों का प्रति 100 महिला के अनुपात में जन्म हुआ है। इस लिहाज से भारतीय और चीनी परिवारों का आंकड़ा लड़कों के पक्ष में झुका हुआ दिखता है।
हालांकि यह आंकड़ा बड़ा नहीं दिखाई देता लेकिन एसबीएस ने कई विशेषज्ञों से बात की और उन्होंने कहा कि ये आंकड़े कन्या भ्रूण हत्या के स्पष्ट संकेत देते हैं।
इन आंकड़ों पर चिंता जाहिर करते हुए मैक्वैरी यूनिवर्सिटी में डेमोग्राफिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निक पार ने कहा, "ये आंकड़े दर्शाते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे चीन और भारतीय परिवारों में लड़कियों के मुकाबले लड़का पाने की चाहत ज्यादा है। इसी कारण से कुछ लोग जन्म से पहले ही इसकी जांच करवा लेते हैं। जन्म लेने वाला नवजात लड़का है या लड़की।"
उन्होंने यह भी कहा कि शायद यही कारण है कि जन्म से पहले ही भ्रूण हत्याओं को अंजाम दे दिया जाता है। वैश्विक स्तर पर इस तरह के आंकड़ों की निगरानी करने वाली संस्था यूनाइटेड नेशन्स पाप्यूलेशन फंड
(यूएनएफपीए) के मुताबिक अगर भ्रूण हत्याएं नहीं कि जाती तो एशिया में करीब 11.7 करोड़ और महिलाएं होती।
कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम भारतीय और चीनी नागरिक, ऐसा लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के एसबीएस रेडियो की एक जांच में जो आंकड़े सामने आए हैं उससे अंदाजा लगता है कि जन्म से पूर्व बच्चे का लिंग परीक्षण करवा रहे हैं और फिर गर्भपात भी।
इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक 2003 से 2013 के बीच ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले चीनी और भारतीय परिवार में औसतन करीब 1,395 लड़कियां कम पैदा हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया की सांख्यिकी आंकड़े जारी करने वाली एजेंसी ने जो आंकड़े पेश किए हैं उससे यह साफ जाहिर होता है कि इस अवधि में लड़कियों की तुलना में ज्यादा लड़के पैदा हुए हैं। सीबीएस रेडियो के लिए ये आंकड़े भारतीय मूल की पत्रकार पल्लवी जैन ने जुटाए हैं।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि चीनी परिवारों में 100 लड़कियों की तुलना में 109.5 और भारतीय परिवारों में 108.2 लड़कों ने जन्म लिया है जो निर्धारित आंकड़े 102 से 106 पुरुष प्रति 100 महिला से कहीं ज्यादा है। ऑस्ट्रेलियाई परिवारों में औसतन 105.7 पुरुषों का प्रति 100 महिला के अनुपात में जन्म हुआ है। इस लिहाज से भारतीय और चीनी परिवारों का आंकड़ा लड़कों के पक्ष में झुका हुआ दिखता है।