अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को तीन अलग-अलग बम धमाकों में 40 लोगों की जान गई है। पहले के दो बम धमाके काबुल में हुए थे। इन धमाको में 7 मीडियाकर्मियों समेत 29 लोग मारे गए। वहीं तीसरा बम धमाका कंधार प्रांत के एक मदरसे में हुआ है। एएफपी समाचार एजेंसी के मुताबिक, इसमें 11 बच्चों की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सभी फिदायिन हमले थे। इन धमाकों में 45 लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस का कहना है कि इन धमाकों में मरने वालों की संख्या अभी बढ़ भी सकती है।
बता दें कि काबुल के शशदारक क्षेत्र में दूसरा धमाका उस वक्त हुआ जब लोग पहले हुए धमाके के पीड़ितों की मदद कर रहे थे। इस हमले में न्यूज एजेंसी एएफपी के फोटोग्राफर शाह माराई की भी मौत हो गई। अफगानिस्तान के 1टीवी ने पुष्टि करते हुए कहा कि हमले में उनके भी दो पत्रकारों गाजी रसूली और नवरोज अली राजाबी की मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि 14 अप्रैल 2018 से अब तक अफगानिस्तान में कुल 6 हमले हो चुके हैं, चूंकि यहां वोटर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो चुका है। एक हफ्ते पहले ही काबुल में हुए बम धमाके में 60 लोगों की मौत हो गयी थी और 129 लोग घायल हुए थे। इस हमले के तुरंत बाद पुल ए खुमरी शहर में भी धमाका हुआ था जिसमें 5 लोगों की मौत हो गयी थी और 6 लोग घायल हो गए थे।
20 अप्रैल को भी एक अज्ञात हमलावर ने काला ए नाउ के वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर हमला कर दिया था जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गयी थी। 19 और 17 अप्रैल को भी वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर इस तरह के हमले हुए थे जिसमें 2 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गयी थी और दो पुलिसवालों समेत 3 IEC के कर्मचारियों का अपहरण कर लिया गया था।
कंधार में एक अन्य आत्मघाती हमला, 11 बच्चे मारे गए
अफगानिस्तान में काबुल के अलावा सोमवार को दक्षिणी इलाके में भी एक विदेशी सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया। इस हमले विस्फोट से लदी कार के आसपास वाले 11 बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में लगातार हमलों का दौर बढ़ रहा है। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता कासिम अफघा ने कहा कि कंधार में एक बम से भरी कार में विस्फोट होने के चलते 16 लोग घायल भी हुए हैं। घायलों में विदेशी और अफगान सुरक्षा बल शामिल हैं।
राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार इस साल कई मोर्चों पर दबाव में है, क्योंकि सरकार चाहती है कि कई सालों से लंबित पड़े विधायी चुनाव भी इस साल अक्तूबर तक करा लिए जाएं। जबकि दूसरी तरफ अफगानिस्तान में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं। इसके खिलाफ आतंकवादी आम नागरिकों और सेना के जवानों समेत अमेरिकी सहयोगी गठबंधन के सैनिकों को निशाना बना रहे हैं।
ड्राइवर सेे चीफ फोटोग्राफर बने मराई के फोटो पूरी दुनिया में छाए
एएफपी के चीफ फोटोग्राफर शाह मराई 1996 में एक ड्राइवर के बतौर एएफपी में जब शामिल हुए थे तब तालिबान में सत्ता पर कब्जा किया था। उन्होंने 2001 में अमेरिकी आक्रमण समेत कई मामलों को कवर करते हुए फोटो लेना शुरू किया और 2002 में वह पूर्णकालिक फोटोग्राफर बने और बाद में चीफ बना दिए गए। उनके द्वारा कवर किए गए कई बम धमाकों के फोटो पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके हैं। उनका कहना था कि मुझे घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचना पसंद है। मराई के परिवार में एक नवजात बेटी समेत कुल छह बच्चे हैं।
हाल में हुए बड़े हमले
- 20 अप्रैल को वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर रॉकेट से हुए आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी व 60 लोगों की मौत
- 24 फरवरी को काबुल में सेना के चार कैंपों पर 24 घंटों में चार हमले हुए जिनमें 20 जवानों की मौत हो गई
- 27 जनवरी को काबुल में दूतावास इलाके में हुए आतंकी हमले में करीब 130 लोगों की मौत हो चुकी है
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार को तीन अलग-अलग बम धमाकों में 40 लोगों की जान गई है। पहले के दो बम धमाके काबुल में हुए थे। इन धमाको में 7 मीडियाकर्मियों समेत 29 लोग मारे गए। वहीं तीसरा बम धमाका कंधार प्रांत के एक मदरसे में हुआ है। एएफपी समाचार एजेंसी के मुताबिक, इसमें 11 बच्चों की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सभी फिदायिन हमले थे। इन धमाकों में 45 लोग घायल भी हुए हैं। पुलिस का कहना है कि इन धमाकों में मरने वालों की संख्या अभी बढ़ भी सकती है।
बता दें कि काबुल के शशदारक क्षेत्र में दूसरा धमाका उस वक्त हुआ जब लोग पहले हुए धमाके के पीड़ितों की मदद कर रहे थे। इस हमले में न्यूज एजेंसी एएफपी के फोटोग्राफर शाह माराई की भी मौत हो गई। अफगानिस्तान के 1टीवी ने पुष्टि करते हुए कहा कि हमले में उनके भी दो पत्रकारों गाजी रसूली और नवरोज अली राजाबी की मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि 14 अप्रैल 2018 से अब तक अफगानिस्तान में कुल 6 हमले हो चुके हैं, चूंकि यहां वोटर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो चुका है। एक हफ्ते पहले ही काबुल में हुए बम धमाके में 60 लोगों की मौत हो गयी थी और 129 लोग घायल हुए थे। इस हमले के तुरंत बाद पुल ए खुमरी शहर में भी धमाका हुआ था जिसमें 5 लोगों की मौत हो गयी थी और 6 लोग घायल हो गए थे।
20 अप्रैल को भी एक अज्ञात हमलावर ने काला ए नाउ के वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर हमला कर दिया था जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गयी थी। 19 और 17 अप्रैल को भी वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर इस तरह के हमले हुए थे जिसमें 2 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गयी थी और दो पुलिसवालों समेत 3 IEC के कर्मचारियों का अपहरण कर लिया गया था।
कंधार में एक अन्य आत्मघाती हमला, 11 बच्चे मारे गए
अफगानिस्तान में काबुल के अलावा सोमवार को दक्षिणी इलाके में भी एक विदेशी सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया। इस हमले विस्फोट से लदी कार के आसपास वाले 11 बच्चों की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में लगातार हमलों का दौर बढ़ रहा है। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता कासिम अफघा ने कहा कि कंधार में एक बम से भरी कार में विस्फोट होने के चलते 16 लोग घायल भी हुए हैं। घायलों में विदेशी और अफगान सुरक्षा बल शामिल हैं।