वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जोहानिसबर्ग
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 25 Nov 2021 06:04 PM IST
दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक डराने वाली खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है। नेशनल इंस्टीट्यूट फार कम्युनिकेबल डिजीज ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। बताया गया कि वैज्ञानिक इस नए कोरोना स्वरूप के संभावित प्रभावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। जीनोमिक सीक्वेंसिंग के बाद पता चला है कि वैरिएंट बी 1.1.529 के अब तक 22 मामले सामने आ चुके हैं।
इससे पहले श्रीलंका में 19 नवंबर को कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का एक नया उप-वंश का पता चला था। इसका वैज्ञानिक नाम बी.1.617.1.एवाई 104 रखा गया था और यह इस द्वीपीय देश में पैदा होने वाला कोरोना वायरस का तीसरा म्यूटेशन था। दरअसल, अब तक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बेहद संक्रामक साबित हुआ है और इस साल की शुरुआत और मध्य में पूरी दुनिया में तेजी से इस बीमारी के मामले बढ़ने की वजह बना था।
ईयू ने 5 से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर के टीके को मंजूरी दी
इस बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के औषधि नियामक ने गुरुवार को पांच से 11 वर्ष के बच्चों के लिए फाइजर कंपनी के कोरोना रोधी टीके को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ ही पूरे यूरोप में फैले कोरोना संक्रमण की एक नई लहर के बीच स्कूलों के लाखों बच्चों को टीके दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। यह पहली बार है कि जब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड के टीके को मंजूरी दी हो। एजेंसी ने कहा, उसने पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड-19 टीके कामिरनेटी को मंजूरी दी है।
विस्तार
दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक डराने वाली खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है। नेशनल इंस्टीट्यूट फार कम्युनिकेबल डिजीज ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। बताया गया कि वैज्ञानिक इस नए कोरोना स्वरूप के संभावित प्रभावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। जीनोमिक सीक्वेंसिंग के बाद पता चला है कि वैरिएंट बी 1.1.529 के अब तक 22 मामले सामने आ चुके हैं।
इससे पहले श्रीलंका में 19 नवंबर को कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का एक नया उप-वंश का पता चला था। इसका वैज्ञानिक नाम बी.1.617.1.एवाई 104 रखा गया था और यह इस द्वीपीय देश में पैदा होने वाला कोरोना वायरस का तीसरा म्यूटेशन था। दरअसल, अब तक कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बेहद संक्रामक साबित हुआ है और इस साल की शुरुआत और मध्य में पूरी दुनिया में तेजी से इस बीमारी के मामले बढ़ने की वजह बना था।
ईयू ने 5 से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर के टीके को मंजूरी दी
इस बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के औषधि नियामक ने गुरुवार को पांच से 11 वर्ष के बच्चों के लिए फाइजर कंपनी के कोरोना रोधी टीके को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ ही पूरे यूरोप में फैले कोरोना संक्रमण की एक नई लहर के बीच स्कूलों के लाखों बच्चों को टीके दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। यह पहली बार है कि जब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड के टीके को मंजूरी दी हो। एजेंसी ने कहा, उसने पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड-19 टीके कामिरनेटी को मंजूरी दी है।